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सादर नमन ! स्वजनों !
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आजकल बहुत से लोग इस बात को लेकर चिंतित और बहुत विरोध में हैं, खासकर के कोंग्रेसी बहुत विरोध और आरोप लगा रहें हैं कि, “श्री मोदी जी ने शपथ ग्रहण के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को न्योता क्यों दिया।
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दुख की बात तो यह है की श्री नरेंदर मोदी जी को समझने का प्रयास कोई नहीं कर रहा है और अपनी मानसिकता खोये जा रहे हैं।
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आरोपियों और विरोधियों को भी यह भलीभांति मालूम है कि श्री मोदी जी माननीय श्री अटल जी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं, और उससे भी पहले वे भगवान श्री राम के बताये गये मार्गों एवं आदेशों का पालन कर रहें हैं।
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इसमें से रामायण पूरा न सही तो थोड़ा बहुत सभी को मालूम होगा अथवा सीरियल पर देखे होंगे।
सबको यह ज्ञात होगा,
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रावण जब खुद ही यज्ञ करावे,
है कौन जो भंग करन को आवे।
~~~~~~~~~APM
अर्थात:- लंका पर चढ़ाई करने हेतु मार्ग बनाते समय भगवान श्री राम ने स्वयं लंकापति रावण को महापंडित एवं महाविद्वान की उपाधि देकर पूजा संपन्न करने को बुलवाया था।
अब,
जब स्वयं लंकापति ही पूजा को संपन्न कराएगा, तो ऐसी किसकी हस्ती है जो पूजा भंग कराएगा।
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अब हमने बहुत कुछ खंडन कर दिया, अब आप बुद्धिजीवी स्वयं हमारा आशय समझने की कृपा करें/-
क्योंकि हम किसी पर बिना सुबूत के आरोप लगाकर आरोपी नहीं बनना चाहते।
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आपका शुभचिन्तक___अंगिरा प्रसाद मौर्या।
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!!*!!जय हिन्द!!*!!
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