सुविचार, सदविचार
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कलम ऐ मेरी कमल बनो अब,
हमें तुम्हारी अमल हुई है।
सभी सुरों को धारण कर लो,
मानवता की कतल हुई है।
हिन्द देश के निर्माणों में,
यहाँ सभी के परिवारों में,
लज्जा के भी दीवारों में,
कैसे कितना दखल हुई है।
सभी सुरों को धारण कर लो,
मानवता की कतल हुई है।
तुम चलना सबके ही आगे,
सदाचार तुम्हरे अनुरागे,
ऐसा ऐटम बम हो जाओ,
हिंसाओं के दल भी काँपे।
दुनियाँ सारा चित्त पड़ा हो,
“मौर्य” तुम्हारा मित्र बड़ा हो,
साथ मेरे तुम जबतक रहना,
ना झुकना इंसाफ बड़ा हो,
पाया तुमको लिखना सीखा,
तुमसे ही मैं पढ़ना सीखा,
बन जाओ अब तोप हमारी,
जानूँ हालत सबल हुई है।
सभी सुरों को धारण कर लो,
मानवता की कतल हुई है।
APM
~~~~~~~~~अंगिरा प्रसाद मौर्या
दिनाँक:-०९/०४/२०१४
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